पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच चेन्नई के महाबलीपुरम में दूसरी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुई। यह सम्मेलन दो दिन की रही। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच छह घंटे तक वन-टू-वन बैठक हुई। पीएम मोदी ने शी के लिए रात्रिभोज और लंच की मेजबानी की। आइए इस सम्मेलन की बड़ी बातों पर गौर करते हैं।
पाकिस्तान को झटका
चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग के भारत दौरे से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन के दौरे पर आए थे, लेकिन उनके दौरे का कोई फायदा नहीं हुआ। पाकिस्तान, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान लगातार इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा, लेकिन चीन ने उसे झटका दे दिया है। मोदी और शी की बैठक के दौरान कश्मीर पर चर्चा नहीं हुआ।
आर्थिक मुद्दों पर चर्चा
दोनों नेताओं के बीच इस दौरान आर्थिक मुद्दों पर चर्चा हुई। इस व्यापार घाटे से निपटने के लिए सहमती बनी। 2018/19 में चीन के साथ भारत का $ 53 बिलियन का व्यापार घाटा रहा। व्यापार और निवेश से संबंधित मुद्दों के लिए एक नया तंत्र स्थापित किया जाएगा।
आरसीइपी चर्चा के लिए सहमत
राष्ट्रपति शी ने आश्वासन दिया है कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीइपी) पर भारत की चिंताओं पर चर्चा की जाएगी।
मिलकर निपटेंगे आतंकवाद से
शी और मोदी ने कहा कि दोनों देशों को भविष्य देखने की जरूरत है। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों को आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।